राजस्थान-शिक्षा मंत्री ने किया लघु उद्योग भारती के कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण
जयपुर।
लघु उद्योग भारती के नवनिर्मित कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण शुक्रवार को शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर और संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल के मुख्य आतिथ्य एवं लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री प्रकाश चन्द के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री श्री दिलावर ने कहा कि यह केंद्र युवाओं को कुशलता प्रदान कर उन्हें उद्योगों के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि कौशल विकास से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि मजदूर भी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे। दिलावर ने लघु उद्योगों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ये 8 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं और देश के 45% निर्यात में योगदान देते हैं। लघु उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी है। उन्होंने कहा लघु उद्योग भारती न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ने घुमंतू,अर्द्ध-घुमंतू एवं विमुक्त परिवारों के लिए पहचान पत्र और पट्टे जारी कर उनके जीवन को स्थायित्व प्रदान किया गया। संसदीय कार्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि लघु उद्योगों को बढ़ावा देना डबल इंजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 'राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट' और लघु उद्योग कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रदेश के लघु उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लघु उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप एमएसएमई नीति लाई गई है। उन्होंने कहा वर्ष 2027 तक प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा जिससे उद्योगों को आवश्यकता के अनुरूप बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। पटेल ने कहा बजट घोषणाओं की क्रियान्वित के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है प्रत्येक वर्ष के 10 दिसंबर की 'प्रवासी राजस्थानी दिवस' के रूप मनाया जायेगा। आयोजन से भी प्रदेश की छवि और सुदृढ़ होगी। लघु उद्योग भारती के संगठन मंत्री श्री प्रकाश चन्द ने कहा कि भारत सदियों तक अपनी उद्यमिता और श्रेष्ठ उत्पादों के लिए विश्व में अग्रणी था। उन्होंने कहा कि हमारा अतीत गौरवशाली रहा है और अब लक्ष्य है कि अपने श्रेष्ठ उत्पादों के माध्यम से भारत को वैश्विक मंच पर शीर्ष स्थान पर स्थापित करें। उन्होंने भारत की ऐतिहासिक समृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि कपड़ा, हस्तशिल्प और इत्र जैसे उत्पादों का निर्यात कर सोना और चांदी प्राप्त करता था इसलिए विश्व भर में भारत वर्ष सोने की चिड़िया नाम से विख्यात रहा। पराधीनता के दौरान यह गौरव क्षीण हुआ, लेकिन आजादी के अमृतकाल में भारत विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।