छत्तीसगड़

कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट दे सकता हैं आपके करियर को नई दिशा

फाइनेंशियल, सर्विस और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में लगातार विकास हो रहा हैं पर विकास की इस दौड़ में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट भी पीछे नही हैं. किसी भी प्रोजेक्ट को प्रॉपर हैंडल करने के लिए कंस्ट्रक्शकन मैनेजर्स की डिमांड बढ़ती जा रही हैं. यदि आप इंफ्रास्ट्रक्चर से रिलेटेड फील्ड में रूचि रखते हैं तो कंस्ट्रक्शसन मैनेजमेंट बनकर आप अपने करियर को बेहतर बना सकते हैं. जानिए कंस्ट्रक्शंन मैनेजर से सम्बंधित जानकरी…

क्या है कंस्ट्रक्शान मैनेजमेंट? जब कोई नया कंस्ट्रक्शन या नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाता हैं तो उसका पूरा प्लान तैयार करना, उसको कोर्डिनेट करना कंट्रोल करना यह सब काम होता हैं कंस्ट्रक्शन मैनेजर का. कंस्ट्रक्शन मैनेजर को कंस्ट्रक्शनन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट भी कहा जाता हैं. कंस्ट्रक्शतन मैनेजर का काम कंस्ट्रक्शनन इंडस्ट्री से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करना होता है. कंस्ट्रक्शलन इंडस्ट्री पांच सेक्टर्स में डिवाइडेड होती है- रेसिडेंशियल, कमर्शियल, हेवी सिविल, इंडस्ट्रीयल और एन्वॉयरमेंटल

कंस्ट्रक्शलन मैनेजर की वर्क प्रोफाइलः- प्रोजेक्ट की डिजाइन बनाना, कॉन्ट्रैक्टर्स का सिलेक्शिन, वर्कर्स को हायर और सुपरवाइज करना, सप्लायर्स को मॉनिटर करना, कंस्ट्रक्शान साइट्स पर प्लानिंग, डायरेक्टिंग और कॉर्डिनेशन एक्टिविटीज में शामिल होना यह सारे काम कंस्ट्रक्शन मैनेजर के जिम्मे होते हैं. मैनेजर्स को प्रोजेक्ट के बजट और काम की प्रोग्राम रिपोर्ट भी बनाना होती हैं.

फील्ड के लिए जरूरी स्किल्सः- इस फील्ड में प्रवेश करने के लिए कौन-सी स्किल्स जरूरी होती हैं? ऐसे युवा जो की कंस्ट्रक्शंन मैनेजर बनने की इच्छा रखते हैं उनके लिए क्रिटिकल थिंकिंग, कॉर्डिनेशन, इंस्ट्रक्टिंग, निगोशिएशन, टाइम मैनेजमेंट, ऑपरेशन एनालिसिस, प्रॉब्ललम सॉल्विंग, एक्टिव लर्निंग, जजमेंट एंड डिसीजन मेकिंग, मैथमैटिक्स, कम्यूनिकेशन, रिपेयरिंग, इक्विपमेंट सिलेक्शॉन और इंस्टॉलेशन जैसी स्किल्स का होना जरूरी होता हैं. यह सभी स्किल्स यदि आपमें होती हैं तो आप एक सक्सेसफुल कंस्ट्रक्शसन मैनेजर बन सकते हैं.

रिलेटेड कोर्स:- इस क्षेत्र से सम्बंधित डिप्लोमा, अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज उपलब्ध होते हैं.

अंडरग्रेजुएशन: ग्रेजुएशन के कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को 12वीं पास होना जरूरी हैं.

पोस्टग्रेजुएशनः पोस्टग्रेजुएशन कोर्स के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना जरूरी हैं. इसके अलावा उन्हें कैट या मैट या जैट एग्जाम में क्वॉलिफाई होना भी जरूरी हैं.

एडवांस्ड डिप्लोमाः इस डिप्लोमा कोर्स को करने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं पास या ग्रेजुएट होना जरूरी हैं. इस कोर्स की ड्यूरेशन 6 माह या 1 साल हो सकती हैं.

जॉब स्कोपः- इस क्षेत्र से सम्बंधित कोर्स को करने के बाद इंडिविजुअल्स कंस्ट्रक्शसन कंपनीज, मल्टीनेशनल कंपनीज जैसी बड़ी कम्पनीज में अच्छी सैलेरी वाली जॉब पा सकते हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button