देश

पत्नी और उसके परिवार वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर जान देने वाले अतुल सुभाष को न्याय देने की उठ रही मांग

बेंगलुरु
पत्नी और उसके परिवार वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर जान देने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष को न्याय देने की मांग उठ रही है। देश भर में हलचल तेज है और मांग उठ रही है कि अब दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा को लेकर बने कानूनों में बदलाव की जरूरत है। ऐसा इसलिए ताकि किसी के भी साथ पक्षपात न हो। इस बीच गुरुवार को बेंगलुरु में एक कैंडल मार्च भी लोगों ने निकाला, जिसमें अतुल सुभाष को श्रद्धांजलि दी गई और उन्हें न्याय दिलाने की भी मांग हुई। एक एनजीओ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग ईको स्पेस सोसायटी के बाहर जुटे। इसके अलावा कई शहरों में अतुल सुभाष के लिए मार्च निकाले गए हैं।

इन लोगों के हाथों में कैंडल, अतुल सुभाष की तस्वीर वाले पोस्टर थे। इसके अलावा सोसायटी के बाहर जुटे लोगों ने हम न्याय चाहते हैं के नारे भी लगाए। टेक प्रोफेशनल सुभाष ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से ही चर्चा तेज है कि क्या देश में कानून में कुछ बदलाव की जरूरत है। सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन नाम के एनजीओ से जुड़े शख्स सजीत ने कहा, 'हम अतुल सुभाष की मौत से बेहद दुखी हैं। वह फर्जी केसों और कानून के बेजा इस्तेमाल से परेशान थे। हम उनकी यादों का सम्मान करने और समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए हम मार्च निकाल रहे हैं।'

इस प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को कंपनी को नौकरी से हटा देना चाहिए। इन लोगों का कहना है कि यदि किसी महिला ने अपने पति पर आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली होती तो उसे तुरंत अरेस्ट कर लिया जाता। लेकिन इस मामले में अब तक पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया है। इसी प्रदर्शन में आए एक शख्स नरसिंह ने तो दावा किया कि वह भी ऐसे ही एक मामले का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा भी पत्नी के साथ 2020 से मुकदमा चल रहा है और तब से मैं अपने बच्चे को देख भी नहीं पाया हूं।

नरसिंह ने कहा, 'अतुल की तरह ही मैं भी कानूनी लड़ाई में उलझा हूं। मैंने अपने बेटे को तब से दो बार ही देखा है और एक बार तो थाने में देखने को मौका मिला था। मुझसे कहा जा रहा है कि यदि फर्जी केसों से बचना है तो फिर 5 करोड़ रुपये दो। समस्या यह है कि हम लोगों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। पुलिस और अदालत हमेशा महिला का ही पक्ष लेती है। हमें संघर्ष में अकेला छोड़ दिया जाता है।' बता दें कि अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले करीब डेढ़ घंटे का एक वीडियो शेयर किया था और वह 24 पन्नों का एक लेटर भी लिखकर गए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button