छत्तीसगड़

बेटी को बचा नहीं सकी मां, दोनों की मौत गोताखोरों ने निकाली शव

अंबिकापुर

बलरामपुर जिले के पस्ता थाना अंतर्गत ग्राम पुटसु में बांध में गिरी बेटी को बचाने के चक्कर में मां की भी डूबने से मौत हो गई। नगर सेना के गोताखोरों ने बांध से मां – बेटी की लाश को बाहर निकाल लिया है।

सेमरसोत अभयारण्य क्षेत्र के ग्राम पुटसू में बस्ती से दूर वन विभाग द्वारा बांध का निर्माण कराया गया है। गांव वाले इस बांध के पानी का उपयोग निस्तारी के लिए करते हैं। इसी गांव के मोहन यादव की बेटी सरिता यादव (18) गुरुवार को कपड़ा धोने बांध गई थी।

पैर फिसलने के कारण अचानक वह बांध में गिर गई। देखते ही देखते वह गहरे पानी में जाने लगी। बेटी को बांध में डूबता देख मां उर्मिला यादव (42) भी पानी में उतर गई। दोनों गहरे पानी में समा गए।

गोताखोरों की टीम की तलाश शुरू
घटना की सूचना पर पस्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। स्थानीय स्तर पर मां – बेटी को बांध से बाहर निकालने कोई प्रबंध नहीं हो पा रहा था। जिला मुख्यालय बलरामपुर से नगरसेना के गोताखोरों की टीम ने मोटर बोट और लाइफ जैकेट के माध्यम से मां – बेटी की तलाश शुरू की।

बांध में पानी लबालब,दोनों का मिला शव
कई घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद जब मां – बेटी को बांध से बाहर निकाला गया तो उनकी मौत हो गई थी। बांध में पानी लबालब भरा हुआ है। लगभग 10 से 15 फीट पानी होने के कारण दोनों उसी में समा गए थे। मां – बेटी को संभवतः तैरना भी नहीं आता था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मां – बेटी के शव को स्वजन को सौंप दिया है। दुखद हादसे से पुटसू गांव में शोक का माहौल है।

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